बिहार के दूसरे माउंटेनमैन जहानाबाद से |
आप लोगो ने तो सुना ही होगा गया के माउंटेनमैन दशरथ मांझी के बारे में,जिन्होंने ने पहाड़ का सीना चीड़ कर रास्ता बना डाला था|
लेकिन आज हम बात कर रहे हैं जहानाबाद के माउंटेनमैन 2 की, जी हाँ आपने सही सुना जहानाबाद का माउंटेनमैन2 जिन्होंने एक ऐसा कारनामा कर के दिखाया है जिसको पूरी दुनिया याद रखेंगी|
जहानाबाद से है माउंटेनमैन |
जहानाबाद के बनबरिया गाँव के निःस्वासी श्री गनौरी पासवान 66
वर्ष के हैं वह चापाकल मिस्त्री हैं वह बनबरिया पहाड़ी पे स्थित योगेश्वर
नाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने जाते थे, बनबरिया पहाड़ी इतना उच्चा था कि
भगवान में आस्था रखने वाले श्रद्धालु को चढ़ने उतरने में बहुत परिसानी होती
थी, यह परिसानी गनौरी पासवान से देखी नही गई और उन्होंने संकल्प लिया कि
मैं मंदिर तक का रास्ता अपने हाथों से बनाऊंगा, और उन्होंने बिना किसी की
मदद बिना किसी सरकार की मदद के बिना वह पूरे दो साल तक पुरजोर मेहनत कर के
2018 के अंत तक 800 मीटर लंबी और छह फिट चौड़ा रास्ता बना दिया| रास्ता बन
गया लेकिन फिर भी लोगो को चढ़ने उतरने में परिसानी होती थी,इस वज़ह से गनौरी
पासवान ने सीढ़ी बनाने का फ़ैसला किया,और 700 मीटर तक सीढ़ी बना दिया,बाकी बचे
सौ मीटर लॉक डाउन की वजह से रुका हुआ था अब वह भी गनौरी पासवान पूरा करने
में लगे हुए हैं|
गनोरी पासवान ने नहीं ली किसी की मदद |
तकरीबन 800 मीटर लंबा रास्ता बनाने में गनौरी पासवान की किसी ने मदद नही की ना ही सरकार ने नाही की समाजसेवी ने हाँ मदद करने में उनको पत्नी और बेटो की भूमिका रही है| सरकारी कर्मचारी वँहा आते तो हैं लेकिन कोई मदद नही करते|